Yoga For Weight Loss In Hindi



Yoga For Weight Loss In Hindi - वजन कम करने के लिए इन 6 योगासनों को अपनाये 100 % आपका वजन कम होगा

इस लेख के द्वारा हम आपको Yoga for weight loss in hindi के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे |

Yoga For Weight Loss In Hindi


हम सभी लोग अपने शारीरिक स्वास्थ्य और अपने वजन को लेकर हमेशा चिंतित रहते है | कि कही हमारा वजन जरुरत से ज्यादा तो नहीं ख़ास करके महिलाओ का वजन बड़ी जल्दी बढ़ने लगता है | हममे से कुछ लोगो को ज्ञान तक नहीं होता कि किन गलतियों की वजह से उनका वजन बढ़ता ही जा रहा है |हम सबमे अच्छा दिखने की इच्छा प्रबल होती है |अच्छे- अच्छे कपडे पहनने की इच्छा होती है | परन्तु हमारा बढ़ा हुआ वजन इन सारी इच्छाओ को खत्म कर देता है 
कुछ लोग वजन कम तो करना चाहते है | परन्तु चाहकर भी उन्हें कोई अच्छा विकल्प नहीं मिल पाता है | तो इसलिए हम आपकी मदद के लिए आपको इस लेख Yoga for weight loss in hindi के द्वारा यह बताने का प्रयास कर रहे है | की योग के द्वारा आप घर पर ही रहकर बड़ी आसानी के साथ आपके बढ़े हुए वजन को कम कर सकते है वो भी बिना किसी परेशानी के | इसके लिए आपको प्रतिदिन योग का अभ्यास करना होगा | प्रतिदिन योग का अभ्यास करने से मांसपेशियो में जो खिंचाव होता है,उससे मांसपेशियों में लचीलापन आता है | योग करने से पूरे शरीर की चर्बी कम होती है | क्या आपको पता है 1 दिन में ही योग करके आप अपना 1 से 3 किलो तक वजन कम कर सकती है | इस लेख में आपको 6 आसनों का ऐसा पैकेज मिलेगा जिसे आप प्रतिदिन करके अपने वजन को कम कर पाएंगे | और एक दिन में 3 किलो तक वजन कर सकते है यह बात बिल्कुल प्रमाणित है | तो आइये जानते है इन 6 योगासनों के बारे में |


1. त्रिकोणासन Trikonasna -


त्रिकोणासन योग करते समय शरीर का आकार त्रिकोण (ट्राएंगल ) के समान होने के कारण इसे त्रिकोणासन या ट्राएंगल पोज़ कहते है | मोटापा कम करने के लिए यह सबसे अच्छा और सरल आसन है | त्रिकोणासन का प्रतिदिन अभ्यास करने से यह पेट,कमर,जांघ ,नितंब पर जमी अतरिक्त चर्बी को आसानी से घटाया जा सकता है | यह मोटापा घटाने के साथ - साथ मधुमेह को काबू करने में बड़ी भूमिका निभाता है |

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त्रिकोणासन करने की विधि - Trikonasan Steps


1. योगा मैट पर अपने दोनों पैरो को एक साथ जोड़कर खड़े हो जाइये और हाथो को जांघो के बगल में रहने दे |

2. अपने पैरो के बीच 2 से 3 फीट का फासला रखे और अपने दोनों हाथो को कंधो तक फैलाये |

3. त्रिकोणासन करते समय आपकी कमर एकदम सीधी होनी चाहिए शरीर को मोड़ने के दौरान हिप्स को साथ में नहीं मोड़ना है |

4. ध्यान रहे आपका पैर जमीन को दबा रहा हो शरीर का वज़न दोनों पैरो पर एक समान रूप से पड़ रहा हो |

5. सीधे खड़े होकर बाई बांह को सीधे कान के पास से ऊपर की ओर रखे और दाई बांह को दाये पैर के घुटने फिर धीरे - धीरे टखने के पास लाये और पूरा झुके |

6. इस मुद्रा में आपके घुटने मुडने नहीं चाहिए योग के दौरान लम्बी और गहरी सांसे लेते रहे |

7. अपने सिर को सामान्य स्थिति में रखे ध्यान रहे आपका शरीर बगल की तरफ झुका रहे ,न तो आगे न तो पीछे |

8. गहरी सांस भीतर लेते हुए शरीर को ढीला छोड़ दे |

9. अपनी बाहों को बगल में गिराए और पैरो को सीधा करे अब इस प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ दोहराये |

10. शुरुआत में 5 से लेकर 10 बार तक आप इस आसन कर सकते है |


त्रिकोणासन के लाभ - Benefits Of Trikonasan


1. त्रिकोणासन पेट की चर्बी को बहुत आसानी से कम करता है |

2. त्रिकोणासन कमर दर्द के लिए बहुत उपयोगी है |

3. त्रिकोणासन जाँघ की चर्बी को कम करता है |

4. त्रिकोणासन आपके पैरो को सुडोल एवं मजबूत बनाता है |

5. त्रिकोणासन शरीर को संतुलित रखता है |

सावधानियां -Trikonasan precaution


1.अगर चक्कर आ रहा है तो इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए |

2.हाइपर एसिडिटी में इस आसन को न करे |

3. गर्दन और पीठ दर्द होने पर भी इस आसन को न करे |

4. high और low BP में इसको करने से बचना चाहिए |

2. तिर्यकताड़ासन -Tiryaktadasan

इस आसान को करते समय शरीर की मुद्रा एक मुड़े हुए ताड़ के पेड़ के समान दिखाई देती है | इसलिए इसे तिर्यकताड़ासन या पाम ट्री पोज़ भी कहते है |इस आसन से शरीर लचीला और मज़बूत बनता है | तिर्यकताड़ासन पूरी तरह रीढ़ और भुजाओ की मांसपेशियों को और जोड़ो को फैलाता है | तिर्यकताड़ासन करके आप कब्ज़ या कमर के पास जमा चर्बी को कम कर सकते है |


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तिर्यकताड़ासन करने की विधि - Tiryaktadasan steps


1.सबसे पहले योग मैट पर खड़े हो जाइये और अपने पैरो के बीच में 2 फिट की दूरी बना ले |

2. एक निश्चित बिंदु पर अपना ध्यान केंद्रित करे |

3. आपका शरीर एकदम सीधा होना चाहिए |

4. सांस भरते हुए अपने दोनों बाहो को सिर के ऊपर उठाये ,अंगुलियों को आपस में बांधे और हथेलियों को बाहर की ओर मोडे |

5. बाहो को ऊपर की तरफ खींचे और शरीर को ऊपर की तरफ ताने |

6. सांस छोड़ते हुए जितना हो सके अपनी कमर से दाहिनी ओर झुके ,लेकिन जितना आप झुक सकते है उतना ही झुके |

7. आपको न तो आगे की ओर झुकना है और नाही पीछे की ओर अपने सर को भी नहीं मोड़ना है कुछ देर इसी अवस्था में रुके |

8. इसके बाद सांस भरते हुए धीरे -धीरे पुनः सीधी अवस्था में आ जाए |

9. इसी क्रिया को आपको बाई ओर से भी दोहराना है लम्बी गहरी सांसे लेते रहे |

10.अब आप सीधी अवस्था में आकर भुजाओ को नीचे बगल में ले आये और सांस छोड़ते हुए पूरे शरीर को ढीला छोड़ दे और रिलैक्स करे |

11. अब आपका एक चक्र पूरा हुआ इस अभ्यास को कम से कम 2 लेकर 5 बार तक कर सकते है |

12. धीरे - धीरे इसके चक्रो की अवधि बढ़ाते जाये |


तिर्यकताड़ासन के लाभ - Benefits Of Tiryaktadasan


1. तिर्यकताड़ासन करने से छाती,कंधे,और पीठ की मांसपेशिया लचीली हो जाती है |

2. तिर्यकताड़ासन करने से मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी ) व कमर में अच्छा खिचाव आता है |

3. तिर्यकताड़ासन वजन को तेजी से घटाने में मदद करता है |

4. तिर्यकताड़ासन का नियमित अभ्यास करने से बच्चो की लम्बाई बढ़ती है |

5. तिर्यकताड़ासन करके आप कब्ज से मुक्ति प सकते है |

सावधानियां - Tiryaktadasan Precaution


1.मेरुदंड में यदि चोट हो,स्लिप डिस्क की समस्या हो तो तिर्यकताड़ासन नहीं करना चाहिए |

2. यदि गर्दन, पीठ,छाती,पैर और पेट का ऑपरेशन हुआ है या कोई गंभीर समस्या हो तो तिर्यकताड़ासन ना करे |

3. गर्भवती महिलाओ को तिर्यकताड़ासन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए |

3. पादहस्तासन - Paadhastasan


पादहस्तासन संस्कृत भाषा का शब्द है | इसका शाब्दिक अर्थ है पैरो को हाथो से छूने वाला आसन पादहस्तासन योग में खड़े होकर आगे की ओर झुका जाता है और अपने दोनों हाथो से पैरो को छूना पड़ता है | यह सूर्य नमस्कार में शामिल 12 योगो में तीसरी मुद्रा है |पादहस्तासन में जब आप नीचे की ओर झुकते है तो रक्त प्रवाह आपके सर की तरफ होने लगता है इससे दिमाग में रक्त और ऑक्सीजन अच्छी मात्रा में पहुंचने लगती है | पादहस्तासन योग करने से आपकी पूरी पीठ पैर एक अच्छा खिचाव आता है |ये सर से लेकर पैर तक पूरे हिस्से पर प्रभाव डालता है जांघो पर पूरा खिंचाव आता है यह हमारे शरीर को कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है और आपके बालो और चेहरे को भी सुंदर बनाता है | 
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पादहस्तासन करने की विधि - Paadhastasan Steps


1.सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाये और पैरो के बीच में 2 इंच का फासला कर ले |

2. ताड़ासन वाली मुद्रा में खड़े हो जाइये |

3. अब दोनों बाहों को धीरे - धीरे सिर के ऊपर ले जाये और एकदम सीधा रखे |

४.सांस को बाहर की ओर छोड़ते हुए कमर के हिस्से से शरीर को मोडते हुए नीचे की ओर झुक जाये |

5. ऊपर के हिस्से को एकदम सीधा रखे बस अपनी कमर को ही मोड़े |

6. अपनी दोनों बाहो से पैरो छूने की कोशिश करे |

7. यदि आप begginer है या कमर दर्द है तो केवल घुटनो तक अपने हाथो को ले जाये |

8. आप पूर्ण स्वस्थ है तो आपका सिर आपके घुटनो को छूना चाहिए |

9. इसी स्थिति में थोड़ी देर रुकिए इससे जिस तरफ आप झुके है उसके विपरीत हिस्से में पूरा खिचाव आपको महसूस होगा |

10. अब वापस पहली अवस्था में आने के लिए साँसों को अंदर लेते हुए कमर को धीरे - धीरे सीधा करते हुए खड़े हो जाये |

पादहस्तासन के लाभ - Benefits Of Paadhastasn


1. पूरे शरीर का वजन कम करने के साथ -साथ पादहस्तासन पेट की चर्बी को भी कम करता |

2. आपके बालो को झड़ने से रोकता है |जब आप नीचे की ओर झुकते है तो ब्लड सर्क्युलेशन सिर की तरफ होता है | जिससे हमारे बाल झड़ने बंद हो जाते है और उनकी ग्रोथ अच्छी होती है |

३. इस आसान से शरीर के ऊपर के अंग जैसे हार्ट ,ब्रेन, किडनी और लिवर को भी पर्याप्त ऑक्सीजन और ब्लड सप्लाई मिलती है |

4. पादहस्तासन तनाव और माइग्रेन की समस्या को कम करता है |

5. पादहस्तासन योग से पाचन सम्बन्धी समस्या ठीक होती है | लम्बाई बढ़ती है और जांघ की मांसपेशियों पर एक अच्छा खिचाव आता है |

सावधानियां - Paadhastasan Precaution


1. निचली कमर में चोट या अत्यधिक दर्द,साइटिका,हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए |

2. शुरुआत में पादहस्तासन को योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करे |

3. संतुलन बनने पर आप खुद भी ये आसन कर सकते है |

4. गर्भवती महिलाओ को यह आसन नहीं करना चाहिए |

5. उच्च रक्तचाप में और ह्रदय रोगियों को यह आसन नहीं करना चाहिए |


4. चक्कीचलनासन - Chakkichalnasan


चक्कीचलनासन तीन शब्दों से मिलकर बना है | जिसमे चक्की का अर्थ मिल (अनाज पीसने का यंत्र ) चलन का अर्थ चलना या मंथन और आसन का अर्थ मुद्रा से है | इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर की मुद्रा इस तरह होती है जैसे आप कोई चक्की चला रहे हो | इसलिए इसका नाम चक्कीचलनासन अंग्रेजी में इसे Churning Mil Yoga Pose भी कहते है |भारत में पुराने ज़माने में हाथ से चलने वाली चक्की से ही औरते घर के लिए गेंहू पीसना ,दाल पीसना,मक्का पीसना आदि बहुत से काम इसी चक्की से करती थी |इससे पेट की चर्बी भी कम होती है कंधो और हाथो की एक्ससरसाइज होती है | 
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चक्कीचलनासन विधि - Chakkichalnasan Steps


1. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर अपने दोनों पैरो को एक दूसरे से थोड़ी दूर फैलाकर बैठ जाये |
2. अपनी दोनों बाहो को सामने की तरफ लाये और अपनी उंगलियों को इंटरलॉक करे |

3. आपके पेेर  एकदम सीधे घुटने तने हुए होने चाहिए |

4. अपनी बाहो को कंधे की ऊंचाई पैर सीधा करे |

5. योग के दौरान आपको लम्बी और गहरी साँसे लेना है |

6. अब सांस भरते हुए आगे की तरफ झुकना है | बड़ा गोला अपने हाथो से बनाते हुए सांस छोड़ना है |और पीछे की तरफ जितना हो सके अपने शरीर को धकेलना है और यह गोला पूर्ण करते हुए वापस पहली मुद्रा में आना है |

7. अब दूसरी तरफ से भी यही प्रक्रिया आपको दोहरानी हैI| एंटीक्लॉक वाइज करना है |

8. पहली बार में इस आसन को केवल 2 से 5 बार करे धीरे - धीरे इसकी अवधि बढ़ाते जाये |


चक्कीचलनासन के लाभ - Benefits Of Chakkichalnasan


1. चक्कीचलनासन पेट की चर्बी को कम करता है | इसके अभ्यास से पेट के हिस्से पर ज़्यादा असर पड़ता है |पेट की अच्छी एक्ससरसाइज होती है और कमर के आस - पास की चर्बी भी कम होती है |

2. चक्कीचलनासन का अभ्यास करने से शरीर का लचीलापन बढ़ता है |

3. चक्कीचलनासन के नियमित अभ्यास से पेट से जुडी हुई समस्याओ जैसे - गैस ,एसिडिटी ,अपच ,पाचन तंत्र के लिए बहुत उपयोगी है |

4. चक्कीचलनासन गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है |

5. चक्कीचलनासन आपकी रीढ़ को लचीला बनाने में मदद करता है |

6. चक्कीचलनासन आपके शरीर से बुढ़ापे के लक्षणों को कम करता है |

सावधानियां - Chakkichalnasan Precaution


1. इस आसन को खाली पेट करना चाहिए कभी भी भोजन के बाद इसे न करे |

2. इस आसन का अभ्यास गर्भवती महिलाओ को नहीं करना चाहिए |

3. पेट दर्द की समस्या में इस आसन को नहीं करना चाहिए |

4. चक्कीचलनासन योग का अभ्यास आप शारीरिक ताकत के अनुसार ही करे इसे करने में किसी प्रकार की कोई ज़ोर जबरदस्ती न करे |

5. उच्चरक्तचाप ,तेज कमर दर्द या रीढ़ की हड्डी की समस्या हो तो इसका अभ्यास न करे |


5. पश्चिमोत्तानासन - Pashchimotanasan


पश्चिमोत्तानासन दो शब्दों से मिलकर बना है I पश्चिम और उत्तान पश्चिम शाब्दिक अर्थ होता है | पीछे और उत्तान का अर्थ होता है तानना | इसका पूर्ण अर्थ है पीछे की ओर तानना | इस आसन को करते समय रीढ़ की हड्डी के साथ - साथ शरीर का पिछला भाग तन जाता है | इस कारण इसे पश्चिमोत्तानासन कहा गया है| इस आसन करने से शरीर का पूरा हिस्सा खिंच जाता है|और यह शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है | जिन लोगो को डायबिटीज की समस्या होती है |उनके लिए पश्चिमोत्तानासन रामबाण की तरह काम करता है | 
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पश्चिमोत्तानासन करने की विधि - Pashchimotanasan Steps


1.सबसे पहले योग मैट बिछाकर बैठ जाये इसके बाद अपने दोनों पैरो को सामने की ओर फैलाये दोनों पांवो के अंगूठे व एड़ी मिलाये |

2. आपकी कमर एकदम सीधी होनी चाहिए द्रष्टि सामने की ओर केंद्रित हो |

3. सांस भरते हुए अपनी दोनों बांहो को ऊपर उठाइये |

4. अब हाथो के साथ -साथ अपने सिर और धड़ को धीरे से आगे की ओर झुकाये और अपने घुटनो को बिना मोडे हाथो की उंगलियों से पैरो की उंगलियों को छूने की कोशिश करे |

5. साथ ही साथ लम्बी - लम्बी सांसे लेते और छोड़ते रहे अपने सिर और माथे को दोनों घुटनो से छूने की कोशिश करे |

6. बांहो को झुकाये और कोहनी से जमीन को छूने की कोशिश करे |

7. सांस को छोड़ते हुए इसी अवस्था में रहे |

8. कुछ देर पश्चात वापस पहली मुद्रा में आ जाये इस आसन को आप 4 से 5 बार दोहराये |

पश्चिमोत्तानासन के लाभ - Benefits Of Pashchimotanasan


1 पश्चिमोत्तानासन को नियमित रूप से करने पर पेट की चर्बी ,नितम्बो की चर्बी को कम करता है |

2. यह आसन मन को शांत करता है और तनाव से भी छुटकारा दिलाता है |

3. इस आसन से रीढ़ की हड्डी में खिंचाव उत्पन्न होता है और उसे लचीला बनता है |

4. पश्चिमोत्तानासन करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है |और प्रतिदिन इसका अभ्यास करने से किडनी ,लिवर महिलाओ का गर्भाशय अधिक सक्रिय होते है |

5. यह आसन नियमित रूप से करने पर किडनी सम्बंधित समस्या नहीं होती है |

6. यह आसन रक्त प्रवाह को सुचारु रखता है नसों से कोलेस्ट्रोल को हटाता है जिससे रक्त प्रवाह सही रहता है |

7. इस आसन को नियमित रूप से करने पर यह ह्रदय के लिए अत्यधिक लाभदायक है इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बना रहता है और ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में अंगो तक पहुँचती है |

8. पश्चिमोत्तानासन के प्रतिदिन अभ्यास से टेडी - मेडी कमर और कूबड़ जैसे विकारो को दूर करता है |

सावधानियां - Pashchimotanasan Precaution


1. यदि आपको कमर दर्द या रीढ़ की हड्डी में कोई समस्या हो तो यह आसन न करे |

2. अस्थमा ,दस्त या पेट सम्बन्धी कोई समस्या हो तो यह आसन न करे |

3 गर्भवती महिलाओ को यह आसन नहीं करना चाहिए |

4. कभी भी भोजन करने के तुरंत बाद इस आसन को नहीं करना चाहिए |

5. इस आसन को झटके के साथ कभी न करे |

6. आंतो में सूजन हो तो इस आसन को बिलकुल न करे |


6. भुजंगासन - Bhujangasan


भुजंगासन दो शब्दों से मिलकर बना है |भुजंग का अर्थ है सर्प और आसन का अर्थ है मुद्रा I भुजंगासन को सर्पासन या कोबरा पोज़ भी कहते है | क्योकि इस आसन में हमारा शरीर एक सर्प की भांति होता है | यह आसन जमीन पर लेटकर और पीठ को मोड़कर किया जाता है | जबकि सर सांप के उठे हुए फन की मुद्रा में होता है सूर्य नमस्कार में यह आसन सातवें क्रम पर आता है | भुजंगासन कमर और छाती की मांसपेशियों को लचीला बनाता है | स्त्रियों के गर्भाशय से जुडी समस्या हो या गुर्दे से सम्बन्धित रोग हो या पेट या पाचन से जुडी हुई समस्याओ में अत्यधिक लाभकारी है यह आसन | 
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भुजंगासन करने विधि - Bhujungasan Steps


1.सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाये |

2. अपनी बाहो को सर के दोनों तरफ रखे और माथे को ज़मीन से टिकाये इस दौरान अपने पैरो को तना हुआ रखे और इसके बीच थोड़ा फासला रखे एड़ियों को एक साथ रखे |

3.अब अपनी दोनों बाहो को दोनों कंधो के बराबर नीचे रखे तथा दोनों कोहनियो को शरीर के पास रखे |

4. लम्बी गहरी सांस लेते हुए धीरे - धीरे अपने माथे ,फिर छाती और पेट को उठाये नाभि को ज़मीन पर ही रखे |

5. आपकी दोनों बाहो पर शरीर का एक समान भार होना चाहिए |

6. आपकी कमर पैर ज़्यादा खिचाव न आने दे अपनी शक्ति के अनुसार ही कमर को मोड़े |

7. इसी मुद्रा में रहकर आसमान की ओर देखने की कोशिश करे कुछ देर इसी मुद्रा में रुके |

8. अब धीरे - धीरे सांस को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाये |

9. इस प्रकार आप इस योग का एक चक्र पूरा करेंगे |

10.इस आसन को आप शुरुआत में 2 से लेकर 5 बार तक कर सकते है |

भुजंगासन के लाभ - Benfits Of Bhujangasan


1. भुजंगासन करने से रीढ़ की हड्डी की अच्छी मालिश होती है व् लचीली बनती है |

2. भुजंगासन करने से पैंक्रियाज सक्रिय होते है | जिसके कारण हमारे शरीर में अच्छी मात्रा में इन्सुलिन बनती है |डायबिटीज से जुड़े व्यक्तियों को भुजंगासन जरूर करना चाहिए |

3. भुजंगासन पेट और कमर दर्द में लाभकारी होता है |

4. भुजंगासन से मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है I जिससे हमारा वजन तेजी से कम होता है और पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है |

5. फेफड़ो और हार्ट की नसों के ब्लॉकेज़ खोलने में मदद मिलती है |


सावधानियां - Bujangasan Precaution


1. कमर दर्द रीढ़ की हड्डी में तकलीफ या पेट हो तो इस आसन को न करे |

2. गर्भवती महिलाए इस आसन को बिलकुल न करे |

3. अपनी शक्ति के अनुसार ही अपने सर और कमर को पीछे झुकाये अपने शरीर को जबरदस्ती कष्ट न दे |

4. आपकी बाहो कलाइयों या पसलियों में कोई समस्या है तो इस आसन को न करे |

5. पेट के निचले हिस्से में सर्जरी हुई हो तो यह आसन न करे |


निष्कर्ष - Conculsion


उम्मीद है की इस लेख को पढ़ कर आपको पता चल गया होगा की योग हमारे बढ़ते हुए वजन को कंट्रोल करने का अद्भुद उपाय है | यह एक्ससरसाइज से बिलकुल अलग है | कुछ लोग एक्ससरसाइज नहीं कर सकते या नहीं करना चाहते है तो उन लोगो के लिए योग बेस्ट है | जो हर उम्र के लोग कर सकते है यह बहुत ही असान होता है |योग में बहुत सारे आसन होते है और इन आसनो की मदद से आप अपना वजन एक दिन में 2 से लेकर 3 किलो तक प्रतिदिन कम कर सकते है इस लेख को लिखने का उद्देश्य यही है की मैं खुद योगा को फॉलो करती हू |और मैंने स्वयं इसके चमत्कारी परिणाम देखे एवं महसूस किये है |आशा है यह लेख आपको पसंद आया होगा कमेंट जरूर करे |

FAQ


प्र0 = वजन घटाने के लिए कोण सा योग बेस्ट है ?
उ0 = वजन घटने के लिए त्रिकोणासन ,तिर्यकताड़ासन, भुजंगासन ,पश्चिमोत्तानासन ,चक्कीचलनसान ,पादहस्तासन ये बेस्ट योग है |

प्र0 = योग करने से कितने दिनों में वजन कम होता है ?
उ0 = प्रतिदिन यदि आप 6 आसन भी पूरी तत्परता के साथ करते है तो 1 दिन में 2 से 3 किलो वजन कम होता है |

प्र0 = तुरंत मोटापा कैसे कम करे ?
उ0 = 1. जब भी प्यास लगे गुनगुना पानी ही ले |
         2. 50 प्रतिशत कच्चा और 50 प्रतिशत पका भोजन करे |
         3. जितना हो सके फल व् हरी सब्जियां खाये |
         4. लौकी का जूस लेने से यह वजन नहीं बढ़ने देता |
         5. प्रतिदिन योगाभ्यास करे |
         6. अधिक तला भुना मसले वाला भोजन न ले |
         7. घर का पका हुआ भोजन ही ले |

प्र0 = पेट और कमर को पतला कैसे करे ?
उ0 = पेट के लिए कपालभाति उपयुक्त प्राणायाम है | जो पेट की मांसपेशियों में खिचाव लाता है |इसे प्रतिदिन करने से बहुत अच्छे परिणाम मिलते है| कमर के लिए स्थितकोणासन ,तिर्यकताड़ासन ,त्रिकोणासन उपयुक्त है |




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