Kapalbhati Benefits In Hindi - कपालभाति करने की विधि और इसके चमत्कारी लाभ


Kapalbhati Benefits In Hindi

कपालभाति करने की विधि और इसके चमत्कारी लाभ


Kapalbhati Benefits In Hindi -कपालभाति करने की विधि और इसके चमत्कारी लाभ


आजकल हमारी जिंदगी काफ़ी तनाव ,थकान भरी हो गयी है । हर व्यक्ति इतना व्यस्त हो गया है ।अपनी जिंदगी में नौकरी में की उनके पास अपने लिए भी समय नहीं है I इसी के चलते हमारी दैनिक दिनचर्या ख़राब हो गयी है । देर रात सोना देर से जागना नौकरी पर जाने की जल्दी ,जल्दी में कुछ भी खा लेना अपनी सेहत का ध्यान न रखना ,प्रदूषण जो हमारी जीवनशैली को बहुत प्रभावित करता है,और कही न कही हमारी ख़राब दिनचर्या जिसकी वजह से हम ढेरो बीमारियों की चपेट में आरहे है । ऐसे में यह बहुत जरुरी है की पहले अपनी दिनचर्या को हम अच्छा करे और थोड़ा वक्त अपने लिए निकल कर योग और एक्ससरसाइज करे । कपालभाति प्राणायाम एक ऐसा ही आसन है जिसमे सभी योगासनों का फायदा मिलता है । यदि समय की कमी के चलते आप ज़्यादा आसन नहीं कर सकते है । तो केवल आप कपालभाति करके ही अपने आप को फिट रख सकते है । कपालभाति शरीर के अलग अलग हिस्सों पर प्रभावी ढंग से काम करता है और पूर्ण लाभ देता है ।आइये इसके बारे में विस्तार से जानते है ।

कपालभाति Kapalbhati -


कपालभाती दो शब्दों से मिलकर बना है । कपाल का अर्थ ललाट या मस्तिष्क और भाती का अर्थ है प्रकाश या ज्योति अर्थात कपालभाति प्राणायाम करने वालो के ललाट पर ज्योति या प्रकाश होता है । कपालभाति को संजीवनी भी कहते है केवल 5 मिनट कपालभाति करने से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है । और अपने आप को स्वस्थ रखा जा सकता है। कपालभाति को करने से पाचन तंत्र ,पेट से जुडी हुई समस्या ,मोटापा ,पेट पर जमी हुई चर्बी ,बेली फैट को कुछ ही दिनों में दूर किया जा सकता है । साथ ही साथ रक्त प्रवाह भी अच्छा होता है। कपालभाति हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालने में मदद करता है। यह किडनी और लीवर की समस्या प्रभावी ढंग से ठीक करता है ।


कपालभाति करने का सही समय

Right Time To Do Kapalbhati Pranayam -


कपालभाति प्राणायाम करने का सही समय सुबह 4 से लेकर 7 बजे तक अच्छा माना जाता है ।इस समय वातावरण में शांति अधिक होती है कपालभाति प्राणायाम सदैव खाली पेट किया जाना चाहिए। आप इसे शाम के समय भी कर सकते है ।परन्तु भोजन किये हुए 4 घंटे हो गए हो। यह शाम के समय किया जाता है तो भी यह पर्याप्त लाभ देता है ।


कपालभाति करने की विधि

Steps Of Kapalbhati Pranayam -


Kapalbhati Benefits In Hindi -कपालभाति करने की विधि और इसके चमत्कारी लाभ


1. कपालभाति करने के लिए सबसे पहले पद्मासन ,वज्रासन या सुखासन मुद्रा में बैठ जाये ।


2. अब अपने दोनों हाथो से चित मुद्रा बनाये और इसे अपने दोनों घुटनो पर रखे


3. अपनी आँखे बंद कर ले और अपने शरीर को ढीला छोड़ दे रिलैक्स करे ।


4. गहरी सांस अंदर लेते हुए झटके से सांस छोड़े इस दौरान पेट को अंदर की ओर खींचे ।


5. यदि आप bigginer है तो शुरू में केवल 5 से 10 बार ही इसका अभ्यास करे धीरे - धीरे इसकी अवधि बढ़ते जाये


6. ध्यान रहे जब आप पद्मासन ,सुखासन या वज्रासन में बैठे है तो आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए ।


7. जब आप इस प्राणायाम की शुरुआत करते है तो सांस भरकर आपको अपना पेट अंदर की तरफ खींचकर सांस बाहर निकालनी है ।


8. प्राणायाम के दौरान लम्बी और गहरी सांसे लेते और छोड़ते रहे इससे पूर्ण लाभ मिलेगा ।


9. कपालभाति प्राणायाम को अगर सही तरीके से किया जाये तो यह पूर्ण लाभ देता है और कुछ ही दिनों में आप को फर्क महसूस होगा ।


10. आप इसके कई चक्र दोहरा सकते है।



कपालभाति प्राणायाम के फायदे

Kapalbhati Benefits -


Kapalbhati Benefits In Hindi -कपालभाति करने की विधि और इसके चमत्कारी लाभ



1. प्रतिदिन कपालभाति करने से पेट से जुडी हुई समस्याओं में आराम मिलता है और पाचन तंत्र अच्छा होता है ।


2. इस प्राणायाम से ऊर्जा का स्तर बना रहता है ।


3. लीवर और किडनी से जुडी समस्या ठीक होती है और आँखों के नीचे काले घेरो की समस्या से छुटकारा मिलता है ।


4. कापालभति नियमित रूप से करने पर चेहरे पर तेज और चमक आती है इसे करने पर आपका सौंदर्य भी निखरता है 

Kapalbhati Benefits In Hindi -कपालभाति करने की विधि और इसके चमत्कारी लाभ


5. यह हमारे फेफड़ो के लिए बहुत लाभप्रद होता है ।


6. ब्लड सर्क्युलेशन अच्छा होता है याददाश्त बढ़ती है ।


7. कपालभाति शरीर में विषाक्त और अन्य अपशिष्ट पदार्थो को बाहर निकलता है जिससे हमे अच्छा महसूस होता है ।

8. अस्थमा और साइनस की समस्या से भी आराम मिलता है ।


9. यह आपके मेटाबॉलिज़्म को भी बेहतर करने में भी मदद करता है।इस आसन को करने से पेट की मांसपेशियो में खिचाव आता है जिससे पेट की चर्बी कम होती है ।


10. शरीर की सभी नाड़ियो को शुद्ध करता है ।


सावधानियां - Precaution -


1. कपालभाति को सही विधि से ही करे कुछ लोग इसे गलत तरिके से करते है जिससे उन्हें उचित लाभ नहीं मिलता है।और उन्हें विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है


2. इस आसन को करते समय आपका शरीर स्थिर होना चाहिए कंधे हिलने नहीं चाहिए ।


3. सांस लेने गति को घटाये ,बढ़ाये नहीं एक समान रखे ।


4. आपको अपना ध्यान साँसों पर ही केंद्रित करना है ।जब आप पेट अंदर की ओर खींचते है तो सांस अपने आप शरीर में आती है केवल यह ध्यान रखना है की पेट अंदर खींचते हुए आप गहरी लम्बी सांस बाहर छोड़े यह सही विधि है ।


5. यदि आपको पेट , पाचन , सम्बन्धी या अल्सर ,हर्निया जैसी बीमारी है तो डॉक्टरी परामर्श जरूर ले ।


6. आसन करते समय दर्द चक्कर या अन्य कोई परेशानी हो तो आसन करना बंद कर दे ।


7. गर्भवती महिलाओ को यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए मासिक धर्म के दौरान भी यह प्राणायाम वर्जित है ।


निष्कर्ष

कपालभाति प्राणायाम कलयुग में संजीवनी का काम कर रहा है। इसे प्रतिदिन करने से हमारे शरीर को अद्भुत लाभ होते है। यह लेख मैंने स्वयं के अनुभव के आधार पर लिखा है। कपलाभाती प्राणायाम से मुझे बहुत ही अप्रतिम लाभ मिला है ।गर्भावस्था के बाद पेट पर जो अतरिक्त चर्बी और स्ट्रेच मार्क्स होते है वह बहुत हद तक कम हो जाते है और यदी इस प्राणायाम का अभ्यास आप कई सालो से प्रतिदिन कर रही है तो यह स्ट्रेच मार्क्स नज़र भी नहीं आते है। यह एक चमत्कारी आसन है । जिसके अनेको लाभ है इस लेख के द्वारा आपको ज्ञात हो गया होगा । तो अपने अनमोल जीवन का कुछ वक्त इस प्राणायाम को जरूर दे और इसका नियमित अभ्यास करे व दूसरो को भी करने की सलाह दे ।लेख अच्छा लगा हो तो कमेंट जरूर करे ।


FAQ -


प्र0=1. क्या कपालभाति करने से पेट की चर्बी कम होती है ?

उ0=1. कपालभाति प्राणायाम में मुख्यतः पेट ही केंद्र बिंदु होता है । पाचन तंत्र से जुडी समस्या ठीक होती है ,मेटाबॉलिज़्म अच्छा होता है ,पेट में जब खिचाव होता है यह पेट की अतिरिक्त चर्बी को बहुत कम समय में ख़त्म कर देता है ।


प्र0=2. कपालभाति कब करना चाहिए ?

उ0=2. कपालभाति आप सुबह और शाम दोनों ही वक्त कर सकते है यह प्राणायाम खली पेट ही करना चाहिए तभी इसके उचित परिणाम मिलेंगे ।


प्र0=3. मैं दिन में कितनी बार कपालभाति कर सकता हू ?

उ0=3. कपालभाति प्राणायाम दिन में दो बार सुबह और शाम किया जा सकता है । जब भी आप कपालभाति कर रहे हो तो आपका पेट खली होना चाहिए तब पूर्ण लाभ मिलता है । भोजन करने के बाद कभी भी कपालभाति न करे यह नुकसान देह हो सकता है ।


प्र0=4. कपालभाति 1 मिनट में कितनी बार करना चाहिए ?

उ0=4. यह आपकी शारीरिक शक्ति पर निर्भर करता है । यदि आपने अभी - अभी शुरू किया है तो 15 से 20 बार अभ्यास करने में आप थक जायेंगे यदि आप अनुभवी है तो आपकी गति भी तेज होगी तो आप 1 मिनट में 100 बार भी इस प्राणायाम को कर सकते है ।


प्र0=5 सबसे अच्छा प्राणायाम कोन सा है ?


उ0=5 कपालभाति प्राणायाम सबसे अच्छा प्राणायाम है ।यह हमारे पेट की चर्बी को कम करता है। और पेट की माँसपेशियो में खिचाव व लचीलापन लाता है ।


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