Sheetali Pranayam - अधिक गर्मी में शरीर को रखे ठंडा शीतली प्राणायाम

 

Sheetali Pranayam - अधिक गर्मी में शरीर को रखे ठंडा शीतली प्राणायाम


हमारे भारत में ठण्ड के मौसम के बाद गर्मियों का मौसम आता है। और गर्मियाँ इतनी भीषण होती है की लोग गर्मी आने से पहले ही गर्मियों की तैयारी करने लगते है। जब तापमान में बढ़ोत्तरी होती है तो गर्मी की तपिश भी बढ़ती है। ऐसे में लोग तरह -तरह के उपाय करते है हम अपने घर को ठंडा रखने के लिए एसी ,कूलर ,पंखे लगाते है। उसी तरह हमे अपने शरीर को अंदर से ठंडक प्रदान करनी चाहिए। तो क्या आप जानते है? की हम अपने शरीर को अंदर से ठंडा कैसे रख सकते है? तो इसका जवाब है शीतली प्राणायाम ( Pranayam For Summer Season ) इस प्राणायाम का अभ्यास करके हम अपने शरीर को ठंडक प्रदान कर सकते है। इस चिलचिलाती धूप ,गर्मी ,पसीने से छुटकारा पा सकते है । यह प्राणायाम गर्मी में हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी है। शीतली प्राणायाम हमारे शरीर का तापमान कम करता है और साथ ही मन और शरीर भी शांत रहता है। यह गर्मियों में किया जाने वाला एक बेहतरीन प्राणायाम है और अच्छी बात यह है की आप इस प्राणायाम को बहुत ही कम समय में कर सकते है और अपने शरीर को इस भयंकर गर्मी से बचा सकते है ।

शीतली प्राणायाम - 


Sheetali Pranayam - अधिक गर्मी में शरीर को रखे ठंडा शीतली प्राणायाम


जैसा की नाम से ही इसका अर्थ समझ में आता है शीतल का अर्थ ठंडा या ठंडक होता है और इसके साथ प्राणायाम शब्द जुड़ता है तो इसका अर्थ है ठंडक पहुंचाने वाला प्राणायाम। इस प्राणायाम को अंग्रेजी में कूलिंग ब्रीथ के नाम से भी जानते है। गर्मियों में अत्यंत लाभकारी शीतली प्राणायाम हमारे शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करता है। जिन लोगो को बहुत अधिक गर्मी लगती है हाइपर टेंशन ,गुस्सा , तनाव अधिक रहता है मन में शांति नहीं होती है ऐसे लोगो को शीतली प्राणायाम करना चाहिए। शीतली प्राणायाम पित्त की समस्या को भी दूर करता है। शीतली प्राणायाम का मूल उद्देश्य शरीर के तापमान को कम करना होता है। जिससे हमारे तंत्रिका तंत्र और अन्तः स्त्रावी ग्रंथियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।

 

शीतली प्राणायाम करने की विधि


1. सबसे पहले स्वच्छ व शांत स्थान का चुनाव करे ।


2.सुखासन ,पद्मासन या अपने अनुसार आरामदायक स्थिति में बैठ जाये और हाथो को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर टिका लें ।

3. रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी रखें व तन कर बैठे ।


4. अब आँखे बंद कर लें अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़ दे और रिलैक्स हो जाइये ।


5. अपनी जीभ को बाहर निकालते हुए ऐसे मोड़े की वह एक ट्यूब या नली जैसी दिखे ।


6. अब इस नली जैसी मुड़ी हुई जीभ से सांस अंदर भरे ।


7. सांस अंदर भरते समय हवा की आवाज़ आएगी ।


8. सांस लेने के बाद जीभ अंदर करके मुँह बंद कर ले ।


9. अब कुछ देर इसी अवस्था में रुके यहाँ जालंधर बंध लगेगा ।


10. अब नाक से धीरे - धीरे सांस को छोड़े यहाँ इस प्राणायाम का एक चक्र पूरा होता है ।


शीतली प्राणायाम को कितनी देर तक करना चाहिए ?


Sheetali Pranayam - अधिक गर्मी में शरीर को रखे ठंडा शीतली प्राणायाम


अपनी यथा स्थिति अनुसार आप शीतली प्राणायाम को 3 ,5 ,7 से लेकर 21 बार तक कर सकते है ।यह इस बात पर निर्भर करता है की आप कितने स्वस्थ्य है ।

आप यदि पहले बार योग करने जा रहे है तो किसी योग्य प्रशिक्षक की देख रेख में योग करे ।

शीतली प्राणायाम के लाभ


Sheetali Pranayam - अधिक गर्मी में शरीर को रखे ठंडा शीतली प्राणायाम


1. शीतली प्राणायाम का सर्वप्रथम और मह्त्वपूर्ण लाभ है हमारे शरीर को ठंडक प्रदान करना ।


2. यह प्राणायाम गुस्सा , तनाव , हाइपर टेंशन को भी कम करता है ।


3. हमारे मन और दिमाग को शांति प्रदान करता है ।

 
4. शीतली प्राणायाम भूख और प्यास को नियंत्रित करता है ।


5. ह्रदय रोग में उपयोगी होने के साथ -साथ पाचन को भी ठीक करता है ।


6. उच्च रक्त चाप वाले व्यक्तियों के लिए बहुत ही फायदेमंद है ।


7. यह हमारे खून को भी साफ़ करता है ।


शीतली प्राणायाम करते समय क्या सावधानी बरतें ?


1. जिन व्यक्तियों को सर्दी ,खांसी ,कफ़ या साइनस की समस्या है उनको शीतली प्राणायाम नहीं करना चाहिए ।


2. जो व्यक्ति ह्रदय रोग से पीड़ित हो उन्हें यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए ।


3. अगर आपको निम्न रक्त चाप की समस्या है तो यह प्राणायाम न करे ।


निष्कर्ष

Health Divin ने अपने प्रिय पाठको तक शीतली प्राणायाम से संबंधित विशेष एवम महत्वपूर्ण जानकारी बड़े ही सरल शब्दों में इस लेख के माध्यम से साझा की है। यदि यह प्राणायाम सही विधि और निरंतरता के साथ किया जाये तो बहुत ही लाभकारी है। इस लेख के माध्यम से हम आम जान मानस तक योग का ज्ञान पहुंचाना चाहते है। यदि यह लेख आपको पसंद आता है तो कमेंट जरूर करे धन्यवाद।

FAQ


1. पितृ दोष के लिए कौन सा प्राणायाम अच्छा है ?

शीतली प्राणायाम जिसे ठंडक देने वाला प्राणायाम कहा जाता है जो हमारे शरीर के पितृ दोष को भी कम करता है । 


2. शीतली प्राणायाम कितनी बार करना चाहिए ?

शीतली प्राणायाम यथा शक्ति अनुसार 3 से लेकर 5 बार और 7 से लेकर 21 बार तक कर सकते है ।



3. शीतली प्राणायाम कौन कर सकता है ?

शीतली प्राणायाम हर स्वस्थ्य व्यक्ति कर सकता है। जिन लोगो को साइनस ,सर्दी ,ख़ासी ,कफ़ , अस्थमा की समस्या है वो लोग यह प्राणायाम न करे ।

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