Bhastrika Pranayama Benefits भस्त्रिका प्राणायाम है सभी बीमारियों का इलाज


Bhastrika Pranayam Benefits
 

योग और प्राणायाम अब हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग बनते जा रहे है। यह हर प्रकार से हमारे शरीर को अनगिनत लाभ पहुंचाते है। योग से हमारा तन और मन दोनों स्वस्थ्य रहते है। हमारे अंदर एक नई ऊर्जा उत्पन्न होती है। हमारे शरीर के साथ साथ हमारा मन भी एक नई ऊर्जा से भर जाता है। यह सब कुछ योग और प्राणायाम से ही संभव है। योग के द्वारा हम अपना स्वास्थ्य बेहतर से भी बेहतर कर सकते है। इसलिए रोज योग करने की सलाह भी दी जाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए Health Divin समय-समय पर अपने प्रिय पाठको के लिए योग और प्राणायाम से जुड़े हुए लाभकारी लेख लेकर आते रहते है। प्राणायाम योग की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमे श्वासो के आवागमन पर ही हमारा जीवन निर्भर है। इस प्रदूषित वातावरण में हमारे शरीर के अंगो पर भी प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण हमे श्वास से जुडी हुई बीमारियाँ होने लगती है। यह बीमारियाँ हमारा कुछ न बिगाड़ पाए यह जैसे ही हमारे शरीर में प्रवेश करती है वैसे ही हमे योग और प्राणायाम की नियमित प्रक्रिया के द्वारा इन्हे ख़त्म कर देना चाहिए। इन्हे बढ़ने का मौका नहीं देना चाहिए।आज इस लेख में हम ऐसे ही प्राणवायु हमारे शरीर में पहुंचने वाले भस्त्रिका प्राणायाम ( Bhastrika Pranayama Benefits ) के बारे विस्तार से चर्चा करेंगे। आइये जानते है भस्त्रिका प्राणायाम के बारे में ।


भस्त्रिका प्राणायाम


Bhastrika Pranayama Benefits भस्त्रिका  प्राणायाम है सभी बीमारियों का इलाज


भस्त्रिका का अर्थ है धौकनी अर्थात एक ऐसा प्राणायाम जिसमे लोहार की धौकनी की तरह आवाज़ करते हुए वेगपूर्वक शुद्ध प्राणवायु को अंदर ले जाते है और अशुद्ध वायु को बाहर निकलते है। इस प्राणायाम को प्रतिदिन करने से हमे कई लाभ मिलते है व गंभीर रोगो की चपेट में आने से भी हमे बचाता है। भस्त्रिका का अभ्यास करने पर हमारे अंदरूनी अंग मजबूत होते है यह खासकर फेफड़ों को अधिक स्वस्थ्य बनाता है और हमारे शरीर के अतिरिक्त अंगो तक ऑक्सीजन की अधिक आपूर्ति करके हमारे अंगो को स्वस्थ और क्रियाशील बनाये रखता है ।


भस्त्रिका प्राणायाम कौन कर सकता है ?


Bhastrika Pranayama Benefits भस्त्रिका  प्राणायाम है सभी बीमारियों का इलाज


भस्त्रिका प्राणायाम बच्चों से लेकर वयस्क और बुज़ुर्ग भी ही आसानी के साथ कर सकते है। यह बहुत ही सरल प्राणायाम है। जिसे सही विधि के द्वारा किया जाना चाहिए। बच्चे यदि नियमित भस्त्रिका का अभ्यास करते है तो इससे उनकी याद करने की शक्ति बढ़ती है। पढ़ा हुआ अधिक देर तक याद रहता है व्यस्को और बुजुर्गो में भी यह याददाश्त अच्छी करता है ।



भस्त्रिका प्राणायाम किस गति से करना चाहिए ?


Bhastrika Pranayama Benefits भस्त्रिका  प्राणायाम है सभी बीमारियों का इलाज


भस्त्रिका प्राणायाम तीन गतियों से किया जाता है।अलग अलग आयु वर्ग के लोगो के लिए अलग अलग गति निर्धारित है। उसी के अनुसार भस्त्रिका प्राणायाम करना चाहिए। वयस्क या नौजवान लोग इस प्राणायाम को तेज गति से कर सकते है। 1 मिनट में 100 बार बच्चो को माध्यम गति से इस प्राणायाम को करवाना चाहिए।बुज़ुर्गो को मंद गति से इस प्राणायाम को करना चाहिए ।



भस्त्रिका प्राणायाम कब करना चाहिए ?




वैसे तो भस्त्रिका प्राणायाम को करने का सबसे उचित समय प्रातःकाल या सुबह का होता है। इसे खाली पेट किया जाना चाहिए तो यह अधिक लाभकारी होता है। इसे दिन में एक ही बार किया जाता है। सुबह करे तो ज़्यादा अच्छा है ।


भस्त्रिका प्राणयाम करने की विधि


1. सबसे पहले खुली स्वच्छ जगह का चुनाव करे।


2. योग मैट या चटाई बिछाकर सुखासन या पद्मासन में बैठ जाये ।


3. अपनी रीढ़ की हड्डी ,गर्दन और सिर एकदम सीधा रखे ।


4. अपनी हथेलियों को पैरो पर ध्यान मुद्रा में टिकाये।


5. नाक से गहरी सांस ले जब सांस ले रहे है तो आपका मुँह खुला हुआ न हो।


6. सांस जितनी गति से लेंगे उतनी गति से छोड़ना भी है ।


7. सांस लेते समय फेफड़े फूलने और सांस छोड़ते समय फेफड़े सिकुड़ने चाहिए।


8. सांस लेना और छोड़ना यह एक चक्र है इस प्राणायाम का ।


9. आप अपनी शक्ति के अनुसार इसके चक्र को कोई बार दोहरा सकते है ।


भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ


1. भस्त्रिका प्राणायाम हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकाल देता है। वात ,पित्त और कफ़ को संतुलित करता है।


2. तेज़ गति से श्वास लेने और छोड़ने से हमारे फेफड़ो की कार्य करने की शक्ति अधिक होती है और फेफड़े पहले की तुलना में अधिक कार्यशील हो जाते है ।


3. गर्भवती महिलाओ के लिए यह प्राणायाम लाभकारी है परन्तु किसी योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में ही योग करे ।


4. इस प्राणायाम को करते समय हमारा डायफ्राम तेजी से काम करता है जिससे पेट के अंग भी मजबूत होते है और पाचन शक्ति भी बढ़ती है ।


5. लीवर और किडनी की अच्छे से एक्सरसाइज़ हो जाती है।


6. मोटापा ,दमा ,टीबी और सभी तरह के श्वास रोग ख़तम हो जाते है ।


7. तनाव को दूर करने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है ।


8. भस्त्रिका प्राणायाम को करने से हमारी स्मरण शक्ति में सुधार होता है विवेक तेज होता है ।


सावधानियाँ -


भस्त्रिका प्राणायाम को सही विधि के साथ ही करे गलत विधि से करने पर यह आपको नुक्सान पहुँचा सकता है। छमता से ज़्यादा प्राणायाम न करे सांस लेने और छोड़ने की गति व समय बराबर रखे। ह्रदय रोग , हर्निया , टीबी ,दमा ,अल्सर ,पथरी अन्य गंभीर रोगो से ग्रस्त लोगो को प्राणायाम नहीं करना चाहिए ।

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